Bihar Jamin Dakhil Kharij : अगर आप भी बिहार राज्य के नागरिक हैं । तो आप सभी को बता दें कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अंचला अधिकारियों के कहे हैं कि दाखिल खारिज का आवेदन रद्द करने से पहले आवेदक का पांच जरूर सुन लिए जाए यह उनके लिए बाध्यकारी है । बता दे की दाखिल खारिज की प्रक्रिया एवं अधिनियम में इसका प्रवीधान है। लेकिन लगातार इसके अनदेखे की शिकायत मिल रहे हैं।
आप सभी लोगों को बता दें कि विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने गुरुवार को प्रमंडलीय आयुक्त एवं जिला अधिकारियों को लिखे गए पत्र में कहे हैं कि यह दोनों अधिकारी इसे देखें की इस मामले में प्रवीधान का पालन हो रहे हैं या फिर नहीं ।
Bihar Jamin Dakhil Kharij :
बता दें कि पत्र में यह भी कह गए हैं कि कर्मचारी अथवा अंचल निरीक्षक की रिपोर्ट पर दाखिल खारिज का कोई आवेदन सीधे रद्द नहीं किया जा सकते हैं। रद्द करने से पहले अंचल अधिकारी या राजस्व अधिकारी संबंधित आवेदक को नोटिस दे दे। उन्हें आपतियों के बारे में बताएं और उसे पर उनका पक्ष सुने इसके बाद भी अगर आवेदन रद्द होते हैं तो संचिका में कारणों का स्पष्ट उल्लेख करें।
बता दे कि आवेदक को सनी एवं साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर मिलने ही चाहिए। यह नैसर्गिक न्याय की मांग भी है। क्योंकि अंचलाधिकारी एवं राजस्व अधिकारी के स्तर पर एक बार आवेदन रद्द होते हैं तो आवेदक को भूमि सुधरता के न्यायालय में अपील में जान पड़ते हैं।
और कई बार किसी डॉक्यूमेंट के अपठनीय होने के आधार पर आवेदन रद्द किए जाते हैं । इसी डॉक्यूमेंट के छूटने पर भी आपत्तियां लगाया जाता है। इनका निराकरण आवेदक को सुनवाई का अवसर देख कर किया जा सकते हैं।
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आप सभी को बता दें कि अपर मुख्य सचिव के पत्र में दाखिल खारिज अधिनियम 2011 का उल्लेख किए गए हैं। इसके अनुसार अगर कर्मचारी या अंचल निरीक्षक की रिपोर्ट से अंचल अधिकारी संतुष्ट नहीं होते हैं। तो वह अपने स्तर से जांच कर सकेंगे जांच के निष्कर्ष के आधार पर वे निर्णय लेंगे या ले सकेंगे।
उन्होंने अपने शब्दों में पत्र में यह सांप का दिए हैं कि किसी भी हालत में दाखिल खारिज का आवेदन रद्द करने का आदेश आवेदक की सुनवाई के बिना नहीं दिए जाने चाहिए। बता दे की मंडलीय आयुक्त एवं जिला पदाधिकारी से कह गए हैं कि ये अधिकारी अपने स्तर से इस आदेश के कार्यन्वय की निगरानी करें। ऐसे में दाखिल खारिज के अभिलेखों की इस दृष्टिकोण से समीक्षा करें कि इनमें प्रविधानों का अनुपालन किए गए हैं या नहीं।
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